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रविवार, 24 सितंबर 2023

जय श्री #गणेश , जय श्री गणेश !

इमेज गूगल साभार 


जय श्री #गणेश , जय श्री गणेश ,

#रिद्धि सिद्धि संग घर करें प्रवेश ,

श्रद्धा भक्ति ले मन में समेट,

#स्वागत वंदन करें जय श्री गणेश ।


जय श्री गणेश , जय श्री गणेश ,

कृपा आपकी हमें रखे सहेज ,

दूर रहे सारे दुख और #कलेश ,

सुख #समृद्धि की सदा मिली है भेंट ।


जय श्री गणेश, जय श्री गणेश ,

रही कृपा आपकी, रहा आदेश ,

पहुंचा #चांद पर भारत देश ,

करता बातें अब #आदित्य का तेज,

वसुधेव #कुटुंबकम का दे संदेश ,

#विश्वमित्र बना मेरा #भारत देश । 

 

जय श्री गणेश , जय श्री गणेश ,

जन जन के आप हृदय #नरेश ,

छबि आपकी बारंबार देख ,

मनोकामना कोई रहे न शेष ।


जय श्री #गणेश , जय श्री गणेश ,

#रिद्धि #सिद्धि संग घर करें प्रवेश ,

श्रद्धा भक्ति ले मन में समेट,

स्वागत वंदन करें जय श्री गणेश ।

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

कुछ #मन का हो जाये !

 


निकलो न आज घर से ,

न करो आज कोई काम ,

बस करके भोजन या जलपान ,

घर पर ही करो आराम ।


क्या मन में ऐसी चाह जगी,

जो हो जाये पूरी थोड़े से ही ,

न सोचो ज्यादा नफा #नुकसान ,

झट दे दो उसको अंजाम ।


बरस रही बारिश ,

और भीगने की हुई ख्वाइश ,

न सोचो सर्दी जुकाम ,

बूंदों से खेलो #खुलेआम ।


फुरसत की कोई एक शाम ,

लेटकर खुले आसमान ,

सोच कर किसी आकृति से ,

#बादलों से करें मिलान ।


जब याद आ जाये #बचपन ,

और खेलने का हो मन ,

तो भूलकर सारा बड़ापन ,

खूब मचाओ बच्चों संग #हुडदंग ।


छोड़ कर सारे काम ,

कभी पहुंचे #ईश्वर धाम ,

थोड़ा #योग और #ध्यान ,

जरा मन को दे आराम ।


कुछ #मन का हो जाये !

#हिंदी दिवस की ढेरों  शुभकामनायें।

रविवार, 10 सितंबर 2023

समा गये हो सांसों में ।



बस यूं ही बातों बातों में ,

समा गये हो सांसों में ।


तुम चांद को देखा करते थे,

और हम तुम्हारी आंखों में ,

बस यूं ही कुछ रातों में ,

समा गये हो सांसों में ।


बारिश में जब निकला करते ,

छुपाते हम तुम्हें छतरी छातों में ,

बस यूं ही कुछ बरसातों में ,

समा गये हो सांसों में ।


जिन गलियों से कभी गुजरा करते,

हम गुजरा करते उनमें दिन रातों में ,

बस यूं फिर मिलने की आसों में ,

समा गये हो सांसों में ।


वार गये सब कुछ तुम पर अब ,

रहा न कुछ अपने हाथों में ,

बस यूं आने होश हवासों में,

समा गये है सांसों में ।


बस यूं ही बातों बातों में ,

समा गये हो सांसों में ।

#आंगन की छत है !

  #आंगन की छत है , #रस्सी की एक डोर, बांध रखी है उसे , किसी कौने की ओर। #नारियल की #नट्टी बंधी और एक पात्र #चौकोर , एक में भरा पानी , एक में...