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मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

ये मूड# क्या होता है ?


ये मूड क्या होता है ?
क्या यह अनिच्छा है काम के प्रति,
या फिर अरुचि की स्थिति ,
यह काम को टालने की है प्रवृत्ति ,
या बातों को करनी है अनसुनी ,
या चलानी है अपनी मनमर्जी ,
कोई काम जरूरी नहीं है अभी,
शरीर में है आलस्य की स्थिति ,
और हम कहते है कि मूड नहीं है अभी ।

ये मूड को क्या होता है ?
जब बन जाती है विषम परिस्थिति ,
अचानक सामने हो खतरनाक व्यक्ति,
आ जाए जानवर खूंखार या बहशी ,
जब मचल उठे यह प्रकृति ,
और भूकंप से हिल उठे धरती ,
लपटें आग की हो उठती ,
या बारिश के साथ बिजली हो कड़कती ,
तब भी क्या "दीप" छाई रहती है सुस्ती ,
क्या तब भी हम कहते है मूड नहीं है अभी ।
                  *** दीपक भानरे (दीप) ****

शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

बदलें# अपने हाथों# से तकदीर# !



कुछ नहीं होता भाग्य भरोसे, चाहे बैठ बहाये लाखों अश्रुनीर ,
नई तकनीक और कौशल ज्ञान से ,चढ़ते इंसा सफलता प्राचीर ।

असफल न हो अपने प्रयास हर वक्त ,लक्ष्यों को भेदे अपने तीर,
कौशल विकास और अभ्यास से , बन जायें अर्जुन से वीर ।

तकनीक ज्ञान की कुदाल चलाकर , दे धरती की छाती चीर ,
बह निकलेगा अवसर का दरिया , मिटेगी बेरोजगारी की पीर ।

नैया पार लगाते मांझी सबकी , पतवारों से जलधारा को चीर ,
औजार उपकरण ज्ञान पतवारें,लगायेगी नैया सफलता के तीर ।

अज्ञानता अकुशलता के तमस की , आओ अब तोड़ें   जंजीर ,
महारथी और हुनरमंद हाथों से , बदलें अपने समझ की तासीर ।

नई तकनीक और कौशल"दीप " से ,खींचे ज्ञान की नयी लकीर,
करें लकीरें किस्मत की छोटी , बदलें अपने हाथों से तकदीर ।
                                                             ***"दीप"***

शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

कोई दिल# ए नादान# मिल जाये !



चाहते है जमाने में लोग ,
 किसी का कुछ हो न हो ,  उनका  हर काम बन जाये ,
बाकी को मंजिल मिले न मिले , उनका एक मकाम बन जाये ।

चाहते है जमाने में लोग ,
अपना काम बनते तक , सलामत रहे दुनिया में सब ,
बाद दुनिया में कुछ रहे न रहे , चाहे तो शमशान बन जाये ।

जमाने में  लोगों को,
तकलीफ होती है  , जब लगता है वक्त दूसरों के कामों में ,
फिर काम होने में अपना , चाहे वक्त यह तमाम लग जाये ।

जमाने में लोगों को ,
सरोकार नहीं होता है कुछ भी  , किसी को कुछ मिले न मिले ,
पर उन्हें उनकी सहूलियत का , सारा सामान मिल जाये ।

चाहते है लोग इस जहान में  ,
बिक जाये उनकी  हर चीज  , महंगे से महंगे दामों में ,
पर  दुनिया की उन्हे हर चीज , बेमोल या बेदाम मिल जाये ।

लोग इस जहान में ,
देते रहते है नसीहते सबको , ईमानदारी से फ़र्ज़ निभाने की,
होते है दरकिनार कायदे "दीप",जब उनका काम निकल आये।

गर इस जमाने  में ,
खुदगर्जियों से ना मतलब  , कोई दिल ए नादान मिल  जाये,
तो दुनिया में जरूरतमंदों को , जरूरत का सामान मिल जाये ।https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10220349395154710&id=1524713766

सोमवार, 7 अक्तूबर 2019

सबकी प्रार्थना मातारानी कर रही स्वीकार है !

इमेज गूगल साभार 

मातारानी की उपासना का यह पावन त्यौहार है ,
श्रृद्धा  और भक्तिभाव से सारा जगत सरोबार है ।

मंदिरों में माता के भक्तों की लग रही  कतार है ,
मातारानी की कृपा से हो रहा सबका बेड़ापार है ।

स्थापित घट में जल रही अखंड ज्योति लगातार है ,
अलौकिक प्रकाश से दुखों का मिट रहा अंधकार है ।

मंदिरों में हवन, आरती और हो रहे मंत्रोच्चार है ,
स्वरलहरियों से हो रही माता की जय जयकार है ।

कन्याओं को मान देवी माता स्वरूप अवतार है ,
उनके पूजन और सम्मान से हो रहा जग उद्धार है ।

सबकी प्रार्थना मातारानी कर रही स्वीकार है ,
मातारानी का मिल रहा आशीर्वाद और प्यार है ।

सबके सपने और उम्मीदों को मिला आकार है ,
 सुखी, समृद्ध और भक्तिमय हुआ यह "दीप" संसार है ।
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नवरात्र पर्व की मंगलमय शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।
मातारानी का कृपा हमसभी पर ऐसे ही  सदा बनी रहे ।
जय माता दी ।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10220316930583116&id=1524713766

#आंगन की छत है !

  #आंगन की छत है , #रस्सी की एक डोर, बांध रखी है उसे , किसी कौने की ओर। #नारियल की #नट्टी बंधी और एक पात्र #चौकोर , एक में भरा पानी , एक में...