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शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

कोई दिल# ए नादान# मिल जाये !



चाहते है जमाने में लोग ,
 किसी का कुछ हो न हो ,  उनका  हर काम बन जाये ,
बाकी को मंजिल मिले न मिले , उनका एक मकाम बन जाये ।

चाहते है जमाने में लोग ,
अपना काम बनते तक , सलामत रहे दुनिया में सब ,
बाद दुनिया में कुछ रहे न रहे , चाहे तो शमशान बन जाये ।

जमाने में  लोगों को,
तकलीफ होती है  , जब लगता है वक्त दूसरों के कामों में ,
फिर काम होने में अपना , चाहे वक्त यह तमाम लग जाये ।

जमाने में लोगों को ,
सरोकार नहीं होता है कुछ भी  , किसी को कुछ मिले न मिले ,
पर उन्हें उनकी सहूलियत का , सारा सामान मिल जाये ।

चाहते है लोग इस जहान में  ,
बिक जाये उनकी  हर चीज  , महंगे से महंगे दामों में ,
पर  दुनिया की उन्हे हर चीज , बेमोल या बेदाम मिल जाये ।

लोग इस जहान में ,
देते रहते है नसीहते सबको , ईमानदारी से फ़र्ज़ निभाने की,
होते है दरकिनार कायदे "दीप",जब उनका काम निकल आये।

गर इस जमाने  में ,
खुदगर्जियों से ना मतलब  , कोई दिल ए नादान मिल  जाये,
तो दुनिया में जरूरतमंदों को , जरूरत का सामान मिल जाये ।https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10220349395154710&id=1524713766

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