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रविवार, 29 दिसंबर 2024

#बादल है #बारिश है !



#बादल है
#बारिश है
एक #चाय और
#पकोड़े की #गुजारिश है ।

कौन  कहेगा
किससे यार
कहीं हो न जाये
#तकरार
कौन किससे करे
#सिफारिश है ।

#सुकून से अपने
किसको नहीं है प्यार
पकाने को कौन
उठायेगा #हथियार
मन में ऐसी एक #दुविधा
#लावारिश है ।

चलो निकाले
बीच  का रास्ता
एक बनाये चाय
तो एक बनाये नाश्ता
कुछ ऐसी #सुलह से
हुई पूरी गुजारिश है ।

बादल है
बारिश है
एक चाय और
पकोड़े की गुजारिश है ।

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11 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 30 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. आदरणीय , मेरी लिखी रचना को "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 30 दिसंबर 2024 को लिंक करने के लिये बहुत धन्यवाद एवं आभार । सादर । .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।

      हटाएं
  4. आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आहा ठंड में चाय मिल जाये तो दिन बन जाए

    जवाब देंहटाएं

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