यूं न #उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।
देखना किसी दिन #दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।
ढूंढते हो मुझसे बार बार मिलने के बहाने ,
बनाते हो गलियों को मेरी अपने ठिकाने ,
देखना इन्हीं ठिकानों पर दिल अपना अटका पाओगे ।
मिलाते हो नज़रें मुझसे कितने दफा न जाने ,
आते ही करीब मेरे बार बार मदद के बहाने ,
देखना इन्हीं दफाओं में खुद को उलझा पाओगे ।
करते रहते हो तारीफ मेरी यूं ही मुझे रिझाने ,
लाते हो बार बार नजराने मेरी मुस्कुराहटें पाने ,
देखना इन सुकुनों में खुद को बे सुकून पाओगे ।
लड़ जाते हो किसी से भी बिना कोई बात जाने,
आ जाते हो कभी भी मेरी जिम्मेदारियां उठाने ,
देखना किसी दिन खुद मेरी जिम्मेदारी बन जाओगे ।
ये दिल भी लगा है अब तो तुम्हारे ख्वाब सजाने,
ढूंढने लगे है अब तो मिलने के बहाने ,
ये बताओ दिल दीप अपना कब मेरे नाम कर जाओगे ।
यूं न उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।
देखना किसी दिन दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।
Bahut badhiya sarji :-)
जवाब देंहटाएंसुंदर,सरस भावपूर्ण रचना ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय कामिनी मेम मेरी प्रविष्टि को चर्चा अंक 4262) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
आदरणीय रवि सर एवं जिज्ञासा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
वाह...। बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय संदीप सर एवं ओंकार सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय नीतीश सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
अतिसुन्दर
जवाब देंहटाएंआदरणीय मनीषा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
करते रहते हो तारीफ मेरी यूं ही मुझे रिझाने ,
जवाब देंहटाएंलाते हो बार बार नजराने मेरी मुस्कुराहटें पाने ,
देखना इन सुकुनों में खुद को बे सुकून पाओगे ।
वाह!!!
लाजवाब सृजन।
आदरणीय सुधा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
बहुत सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण और दिल को चूने वाले भाव ...
आदरणीय नासवा सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर ।