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शनिवार, 27 नवंबर 2021

देखना एक दिन #पछताओगे ।


यूं  न #उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।

देखना किसी दिन #दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।


ढूंढते हो मुझसे बार बार मिलने के बहाने ,

बनाते हो गलियों को मेरी अपने ठिकाने ,

देखना इन्हीं ठिकानों पर दिल अपना अटका पाओगे ।


मिलाते हो नज़रें मुझसे कितने दफा न जाने ,

आते ही करीब मेरे बार बार मदद के बहाने ,

देखना इन्हीं दफाओं में खुद को उलझा पाओगे ।


करते रहते हो तारीफ मेरी यूं ही मुझे  रिझाने ,

लाते हो बार बार नजराने मेरी मुस्कुराहटें पाने ,

देखना इन सुकुनों में खुद को बे सुकून पाओगे ।


लड़ जाते हो किसी से भी बिना कोई बात जाने,

आ जाते हो कभी भी मेरी जिम्मेदारियां उठाने ,

देखना किसी दिन खुद मेरी जिम्मेदारी बन जाओगे ।


ये दिल भी लगा है अब तो तुम्हारे ख्वाब सजाने,

ढूंढने लगे है अब तो  मिलने के बहाने ,

ये बताओ दिल दीप अपना कब मेरे नाम कर जाओगे ।


यूं  न उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।

देखना किसी दिन दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय कामिनी मेम मेरी प्रविष्टि को चर्चा अंक 4262) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय रवि सर एवं जिज्ञासा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय संदीप सर एवं ओंकार सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय नीतीश सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय मनीषा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  6. करते रहते हो तारीफ मेरी यूं ही मुझे रिझाने ,

    लाते हो बार बार नजराने मेरी मुस्कुराहटें पाने ,

    देखना इन सुकुनों में खुद को बे सुकून पाओगे ।
    वाह!!!
    लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय सुधा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर रचना ...
    भावपूर्ण और दिल को चूने वाले भाव ...

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय नासवा सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं

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