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बुधवार, 12 जुलाई 2023

#बारिश का प्रहार , रौद्र रूप में #बाढ़ !

 

इमेज गूगल साभार

#बारिश का प्रहार ,

रौद्र रूप  में #बाढ़ ,

तोड़ कर सारे किवाड़ ,

जो मिला सामने वो उखाड़ ,

कर दिया #उजाड़ ।

 

इतना हुआ #खिलवाड़ ,

की #प्रकृति गयी है हार ,

अब मचा रही #हाहाकार,

लाकर #अकाल या #बाढ़,

बस बेबस देखता संसार ।

 

नदी नालों पर #अतिक्रमण ,

अवैध है उत्खनन ,

नष्ट हो रहे हैं वन ,

हुआ नष्ट #पर्यावरण ,

बिगड़ा सारा संतुलन ।

 

गर अब न किया मनन ,

गर अब न खोले नयन ,

तो यूं प्रकृति का प्रहार ,

होता रहेगा बार बार ,

यूं होता रहेगा संहार ।

            ***दीपक कुमार भानरे ***

2 टिप्‍पणियां:

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हिंदी है मेरा अभिमान ।

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