रातों रात रेल दिया
घुसकर अंदर पेल दिया
आतंकिस्तान में तबाही का
भारत ने खेल खेल दिया ।
भस्म हुये आतंकी नापाक
फेल गई बस आग ही आग
अड्डे सब हुये है जलकर खाक
भारत ने मचाया ऐसा सर्वनाश ।
बदला बना ऐसा नजीर
सटीक निशाने पर थे सब तीर
छोड़ा बनाकर दुश्मन को फकीर
धन्य धन्य भारत के सैन्य वीर ।
आंख उठाकर अब देखा अगर
तो भारत मचायेगा ऐसा कहर
टूट टूटकर सब जायेगा बिखर
दुश्मन न आयेगा नक्शे में नजर ।
जय हिंद जय भारत ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 18 मई 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर, भारत के शौर्य पर लिखी मेरी रचना "भारत ने खेल ,खेल दिया" को इस मंच पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद ।
हटाएंसादर । जय हिन्द जय भारत ।
Kya likha hai sir khatarnak
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु , बहुत धन्यवाद ।
हटाएंधन्य भारत के वीर सैनिक !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेम , जय हिन्द जय भारत ।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु , बहुत धन्यवाद ।
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