काल्पनिक तिलस्मी कहानी हेर्री पोटर बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित रही । इसी प्रकार शक्तिमान , स्पाय डर मेन और अन्य कई काल्पनिक कार्टून टीवी चैनल चल रहे हैं जो की बच्चों के बीच खूब प्रसिद्ध पाये हैं इन सभी मैं काल्पनिक पात्र होते हैं जिसका वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नही होता है . इस प्रकार अन्य कई काल्पनिक चरित्र आधारित टीवी धाराविक और कामिक्स बुक बच्चे के बीच अपनी पैठ बनाया हुए है . आजकल की फ़िल्म भी अतिशयोक्ति पूर्ण घटनाक्रमों से भरी रहती है ।
परिणाम यह हो रहा है की बच्चे काल्पनिक चरित्र को पढ़कर और देखकर उन्हें सच मानकर उनसे प्रेरित हो कर उन्हें अपनाने और उनके अविश्वसनीय कारनामों की नक़ल करने की कोशिश करते हैं । बच्चे भी पलक झपकते वह सब करना और पाना चाहते हैं जो उनका पसंदीदा काल्पनिक पात्र और नायक करता है , जैसे तेज़ी से गाड़ी चलाना , अपने को सुपर हीरो मानते हुए अपने से बड़े और अधिक क्षमता और शक्ति वाले व्यक्ति , जानवर और बुरे लोगों से लड़ना , कई लोगों से एक साथ लड़ना , जादू की छड़ी से पलक झपकते ही मन चाहि कुछ भी प्राप्त करना , ऊँची इमारतों एवं भवनों से छलांग लगाना एवं कई असंभव कार्य को चुटकियों मैं कर डालना इत्यादी इत्यादी ।
किंतु इस चक्कर मैं वह यह सब भूल जाता है की वास्तविक दुनिया इस काल्पनिक दुनिया से बिल्कुल अलग है । जन्हा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए अथक परिश्रम और मेहनत की आवश्यकता होती है । ऐसी कोई जादू छड़ी या वस्तु नही होती है जिससे बिना कोई जोखिम और मेहनत की मनचाही वस्तु या लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार बच्चे अपने चारों और वास्तविकता से अलग एक काल्पनिक दुनिया का अनुभव करने और मानने लगते है । यदि उन्हें वह सब जो चाहते हैं आसानी से और शीग्रहता से नही मिलता है निराशा मैं घिरकर ग़लत और आत्मघाती कदम उठाने से भी परहेज़ नही करते हैं ।
अतः आवश्यकता है बच्चे को वास्तविकता और सच्चाई से लबरेज़ पात्रों और सच्ची घटनाओं पर आधारित टीवी कार्यक्रमों को दिखाने की । विश्व और देश के महापुरुषों और शिखर पुरुषों के जीवन की सच्ची घटनाओं से परिचित कराने की , की किस तरह उन्होंने कठिनाइयों से जूझते हुए महनत और लगन के दम पर बुलंदियों को छुआ है । उनके कार्यों और जीवन चरित्रों को सचित्र और रुचिकर ढंग से टीवी और कामिक्स के माध्यम से प्रस्तुत करने की । माता पिता को चाहिए की बच्चे इस प्रकार के कार्यक्रमों को और कामिक्स पुस्तकों को कम से कम से देखे और पढे । बच्चे को यह अहसास दिलाया जाए की ये सिर्फ़ काल्पनिक पात्र का वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नही होता है , इनके द्वारा संपादित की जाने वाली गतिविधियों को सिर्फ़ मनोरंजन तक सीमित रखे , इनका अनुसरण करने की कोशिश न करें । तभी हम बच्चे को कल्पनाओं के संसार मैं खोने से बचा सकते है और जमीनी हकीकत से दूर जाने से रोककर उन्हें जीवन की वास्तविकता से परिचित कराया जा सकता है ।
अतः आवश्यकता है बच्चे को वास्तविकता और सच्चाई से लबरेज़ पात्रों और सच्ची घटनाओं पर आधारित टीवी कार्यक्रमों को दिखाने की । विश्व और देश के महापुरुषों और शिखर पुरुषों के जीवन की सच्ची घटनाओं से परिचित कराने की , की किस तरह उन्होंने कठिनाइयों से जूझते हुए महनत और लगन के दम पर बुलंदियों को छुआ है । उनके कार्यों और जीवन चरित्रों को सचित्र और रुचिकर ढंग से टीवी और कामिक्स के माध्यम से प्रस्तुत करने की । माता पिता को चाहिए की बच्चे इस प्रकार के कार्यक्रमों को और कामिक्स पुस्तकों को कम से कम से देखे और पढे । बच्चे को यह अहसास दिलाया जाए की ये सिर्फ़ काल्पनिक पात्र का वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नही होता है , इनके द्वारा संपादित की जाने वाली गतिविधियों को सिर्फ़ मनोरंजन तक सीमित रखे , इनका अनुसरण करने की कोशिश न करें । तभी हम बच्चे को कल्पनाओं के संसार मैं खोने से बचा सकते है और जमीनी हकीकत से दूर जाने से रोककर उन्हें जीवन की वास्तविकता से परिचित कराया जा सकता है ।
दोनों के बीच सामनजस्य की आवश्यक्ता है. कुछ काल्पनिक उड़ाने भी आवश्यक है, वहीं वास्तविकता से रुबरु होना भी.
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