कोशिश# हो लक्ष्य# को छोटा करने या बदलने# की !
जब लड़खड़ा जाते हैं लक्ष्य का पीछा करते करते,
एक कोशिश होती है फिर संभलकर चल पड़ने की,
कमियों और कारणों के निराकरण और सुधार से ।
जब नही मिलती सफलता बार बार के प्रयासों से ,
कभी सोचना पड़ता है की कमी है मेरे प्रयासों की,
या फिर नहीं है समर्पण पूरी लगन और क्षमता से ।
हो सकता की हो गया लक्ष्य बड़ा मेरी क्षमताओं से,
ऐसे हाल में कोशिश हो लक्ष्य को जरा छोटा करने की,
या करें एक और नई शुरुआत लक्ष्य को बदलने से ।
जब लड़खड़ा जाते हैं लक्ष्य का पीछा करते करते,
एक कोशिश होती है फिर संभलकर चल पड़ने की,
कमियों और कारणों के निराकरण और सुधार से ।
जब नही मिलती सफलता बार बार के प्रयासों से ,
कभी सोचना पड़ता है की कमी है मेरे प्रयासों की,
या फिर नहीं है समर्पण पूरी लगन और क्षमता से ।
हो सकता की हो गया लक्ष्य बड़ा मेरी क्षमताओं से,
ऐसे हाल में कोशिश हो लक्ष्य को जरा छोटा करने की,
या करें एक और नई शुरुआत लक्ष्य को बदलने से ।
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