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#मुश्किलें भी नहीं है कम,
वैसे भी इस जमाने में ।
पीछे नहीं रहते है फिर भी,
कुछ अलग #अनुचित #आजमाने में ।
नदी नाले उफान पर ,
पानी भरा कई स्थान पर ,
कहीं खतरे के निशान पर ,
कहीं बन आई जान पर ,
फिर भी उठाते जोखिम भरा कदम ,
लगाकर दांव जीवन का ,
सेल्फी खिंचवाने में ।
प्रदूषित है वातावरण ,
पस्त है श्वसन तंत्र ,
हर उत्पादों में है रसायन ,
स्वास्थ का हो रहा है क्षरण,
फिर भी करते हैं सेवन ,
#शराब , #तंबाकू और #धूम्रपान,
गम या खुशी मनाने में ।
बेतरतीब है #आवागमन ,
#दुर्घटनाओं को मिल रहा आमंत्रण,
सड़कों पर है अतिक्रमण ,
जगह भी बची है बहुत कम ,
फिर भी लोगों को आता है आनंद ,
हवा से बातें कर ,
वाहन तेज #रफ्तार चलाने में ।
सीखने को है अथाह #ज्ञानधन ,
#जिम्मेदारियां भी नहीं है कम,
अवसरों का भी करना है दोहन ,
एक जीवन भी पड़ जाये कम,
फिर भी व्यस्त है युवा जन ,
मोबाइल , टी वी और यूं ही घूमकर ,
व्यर्थ समय #गंवाने में ।
धैर्य भी हो रहा है कम ,
जल्द पाना चाहते है हर फन,
मेहनत भी चाहते हैं कम ,
और आसान हो जाये यह जीवन ,
अपनाकर रास्ते लघु
और तरीके अनुचित ,
फंस जाते है किसी दलदल खाने में ।
गर हो जाये तैयार मन से ,
मेहनत और संयम को आजमाने में ,
तो हो जाये मुश्किलें कम ,
इस उम्मीदों से भरे जमाने में ।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२५-०७ -२०२२ ) को 'झूठी है पर सच दिखती है काया'(चर्चा-अंक ४५०१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आदरणीय अनीताजीअनीता मेम
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२५-०७ -२०२२ ) को 'झूठी है पर सच दिखती है काया'(चर्चा-अंक ४५०१) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
सादर ।
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसामायिक विसंगतियों पर बहुत सटीक प्रहार करती रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआदरणीय रंजू मेम एवं शलिनी मेम , आपकी बहुमूल्य और उत्साहवर्धक प्रति क्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय कोठारी मेम , आपकी बहुमूल्य और उत्साहवर्धक प्रति क्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
जवाब देंहटाएंसच जो दिखता है उसका सटीक और प्रासंगिक वर्णन ।सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय जिज्ञासा मेम , आपकी बहुमूल्य और उत्साहवर्धक प्रति क्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
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