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रविवार, 2 अप्रैल 2023

#कह दो तो जरा ।



किस बात से है #गिला ,

#कह दो तो जरा ।


तकलीफ सीने में ,

यूं दबाकर बैठे हो ,

कहते कुछ नहीं ,

बस रूठे और ऐंठे हो ,

किस बात का मसला है ,

कह दो तो जरा ,

मिलेगा सुकून मन को ,

ढहेगा उदासी का किला ।


मचलती है चाहतें ,

करने को पार हदें ,

पर किसी बात पर ,

खिंची है सरहदें ,

वो कौन सा है कायदा ,

कह दो तो जरा ,

तोड़कर बांध सब्र का ,

बह उठेगा दरिया ।


अब यूं रहना खफा ,

नहीं ज्यादा अच्छा ,

मानकर गलतियां ,

निकाले सुलह का रास्ता ,

गर मसला है सुलझा ,

कह दो तो जरा ,

क्योंकि ढूंढती है #खुशियां  ,

अपने घर का पता ।


किस बात से है #गिला ,

#कह दो तो जरा ।

           ****दीपक कुमार भानरे****

9 टिप्‍पणियां:

  1. गिला मिटाना हो तो कह देंगे

    बढ़िया रचना

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय विभा मेम,
      जरूर कहिएगा , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आदरणीय भारती सर, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं
  3. आदरणीय यशोदा मेम ,
    मेरी लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 04 एप्रिल 2023 में साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद । सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  4. अब यूं रहना खफा ,

    नहीं ज्यादा अच्छा ,

    मानकर गलतियां ,

    निकाले सुलह का रास्ता ,

    गर मसला है सुलझा ,

    कह दो तो जरा ,

    क्योंकि ढूंढती है #खुशियां ,

    अपने घर का पता ।बहुत सुंदर रचना आदरणीय सर।


    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय पटेल मेम, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. आदरणीय मेम, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं

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