हैसियत |
#हैसियतों के हिसाब से
बदलता है यहाँ #कायदा ,
मिलती ही उतनी ही #रियायतें ,
होता है #आदमी जितना बड़ा ।
सड़ता है जैल में वह तबका ,
खर्चा कानून का जो न दे सका ,
रसूख वालों के लिये तो ,
आधी रात भी दरवाजा है खुला ।
उसे मिला एक छोटा रास्ता ,
जिसने दिया पैसा ज्यादा ,
वरना एक आम आदमी तो ,
बस लाइन में रहता लगा ।
गर गरीब का कपड़ा है फटा ,
तो उस पर जमाना है हंसा ,
पर अमीर ने कुछ ऐसा किया ,
तो वह फ़ैशन नया बना ।
अयोग्य भी पाता है बड़ा ओहदा ,
गर पास है ज्यादा रोकड़ा ।
वरना छोटी सी नौकरी के लिये ,
सामान्य जन जीवन देता है खपा ।
#हैसियतों के हिसाब से
बदलता है यहाँ #कायदा ,
मिलती ही उतनी ही #रियायतें ,
होता है #आदमी जितना बड़ा ।
दुनिया की ऐसी स्थिति इसी वजह से है
जवाब देंहटाएंबढ़िया चित्रण
आदरणीय विभा मेम ,
हटाएंआपकी, उत्साहवर्धन करती बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
सादर ।
यही दुनिया की रीत है, इसलिए सभी का जीवन के स्तर को बढ़ाने का प्रयत्न जीवन भर चलता रहता है
जवाब देंहटाएंआदरणीय अनिता मेम ,
हटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।।
सादर ।
आदरणीय यादव सर,
जवाब देंहटाएंमेरी लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद ।
सादर ।