मत मानो इतनी आसानी से #हार ,
चाहे #परिस्थिति हो कितनी भी #बेकार ।
छटपटाओ, चीखों चिल्लाओ ,
हाथ में जो आए वो उठाओ ,
मौका मिलते ही करो तगड़ा वार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
ढूंढो, पता लगाओ #असलियत ,
गर #दोस्ती का हाथ बढ़ाए कोई #शख्सियत ,
इतने जल्दी न घुल मिल जाओ यार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
बताओ, बात करो #घरवालों से ,
मत भागो मन के उलझे #सवालों से ,
किसी के लिए मत छोड़ो यूं घर वार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
बनाओ खुद को #मजबूत और ताकतवर,
सीखो #आत्मरक्षा के उपाय और गुर,
ताकि कर सको #दुष्टों पर जमकर वार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
टुकड़े टुकड़े में होना #खतम नहीं ,
#सूटकेश, #फ्रिज में होना #दफन नहीं ,
बनना नहीं अब और कोई शिकार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
आदरणीय पम्मी मेम ,
जवाब देंहटाएंमेरी लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 21जून 2023 अंक में साझा करने के लिये बहुत धन्यवाद!
सादर ।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-06-2023) को "गगन में छा गये बादल" (चर्चा अंक 4669) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय मयंक सर,
जवाब देंहटाएंमेरी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (24-06-2023) को "गगन में छा गये बादल" (चर्चा अंक 4669) पर करने के लिए बहुत धन्यवाद ।
सादर ।