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बुधवार, 28 जून 2023

#भीगकर तुमने #बारिश में ...

इमेज गूगल साभार

#भीगकर तुमने #बारिश में ,

बूंदों पर एक #अहसान किया |

खुशकिस्मत थी वो बूंदें ,

जिसने था तुम्हें छुआ ।


बहकी #बहकी थी वो बूंदें ,

जिसने तुम्हारे लव को चूमे ,

कुछ #केशों में जा थी अटकी,

जिसने चाहा संगत लंबी ।


जो बूंदें थी नीचे जा गिरी ,

वो अभी तक #मदहोश पड़ी ,

कुछ बाहों में सिमटी सिमटी,

#किस्मत थी अच्छी जिनकी ।


हवा का एक झोंका आया ,

सब बूंदों को होश में लाया ,

बूंदों ने लो तुम्हें किया विदा ,

कहकर #तहदिल से #शुक्रिया ।


भीगकर तुमने बारिश में ,

बूंदों पर जो अहसान किया l

              ***"दीप"क  कुमार भानरे ***

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 29 जून 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय रविन्द्र सर,
    मेरी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 29 जून 2023 को लिंक करने हेतु बहुत धन्यवाद एवम आभार ।...
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. Kya baat hai ! Is sundar vatavaran ko premmay panktiyon ke roop me pirokar pesh karne ka apko bhi tah-e-dil se shukriya :-)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत धन्यवाद सर, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु । सादर ।

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. आदरणीय मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।

      हटाएं
  5. आदरणीय मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  6. क्या बात है दीपक जी।मोहक रचना जो अनुरागरत हृदय से उमडी है।हार्दिक बधाई आपको 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय मेम , आपके हार्दिक बधाइयाँ और प्रशंसा हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं

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