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मंगलवार, 22 अगस्त 2023

#चंदा #मामा राह तके !

 


#भारतमाता आओ कबे ,

#चंदा  #मामा राह तके ।

 

कबसे खड़े है अपने द्वार ,

लेकर हल्दी कुमकुम थार ,

चरण पड़े तो हो #उद्धार,

#कृपा दृष्टि अब  हम पर पड़े ।

 

#स्नेह अश्रु की लेकर धार ,

करने को चरण #पखार ,

खड़े #सितारे राह निहार ,

मन  अब न ज्यादा धीर धरे ।

 

पके #पुये की वो मिठास ,  

मुन्ने की प्याली की आस ,

ले आओ सब जे #सौगात ,

देखत राह #नैन थके ।

 

भारतमाता आओ कबे ,

#चंदा  मामा राह तके ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत शब्द चयन इस सुंदर कविता के लिए "दीप" साहब :-) बचपन की "चंदामामा दूर के... " याद दिलाने के लिए दिल से शुक्रिया।

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    उत्तर
    1. आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।

      हटाएं

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