देश मैं आए दिन समाचारपत्रों और न्यूज़ चनलों के माध्यम से देश और जनता के हितों से जुड़े अपराधिक मामलों की ख़बरों को जोर शोर से प्रस्तुत किया जाता है और धीरे धीरे दिन बीतने पर ये मामले ओझल होने लगते हैं और उनकी जगह कोई नई ब्रेकिंग न्यूज़ स्थान बना लेती है । किंतु समाचार पत्रों और न्यूज़ चनलों द्वारा बहुत कम इस बात की जहमत उठायी जाती होगी की उन मामलों पर क्या कार्यवाही चल रही है और चल रही है तो किस गति से और किस स्तर से । क्या उन मामलों को ठंडे बस्ते मैं डाल कर शासन प्रशासन अथवा सत्तासीन पार्टी राजनीतिक लाभों के लिए, अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही है या फिर पर मामलों को उलझाने की कोशिश की
जा रही है या फिर जबरन दोषी साबित करने की कोशिश कर रही है । अभी तक की बात करें तो यह देखने मैं आया है की देश और जनता के हितों से जुड़े बड़े बड़े मामले राजनीतिक खीचा तानी के चलते या तो उलझ कर रह गए है या फिर उन्हें ठंडे बस्ते मैं डाल दिया गया है । चाहे वह चारा घोटाला की बात हो , बोफोर्स तोप खरीद प्रकरण की बात हो , ताज कोरिडोर मामला हो , नकली और मिलाबती खाद्य पदार्थों का बड़े पैमाने पर धंदा हो या फिर अन्य कोई देश और जनता के हितों के सरोकारों के मामले हो । कई मामलों मैं देश और जनता को इन सब बातों से अनजान और अनभिज्ञ रख कर उस पर लीपा पोती करने की कोशिश की जाती है । अतः सुस्त और ताल मटोल रवैया के कारण अपराधिक मामलों के किसी अंजाम तक न पहुचने के फलस्वरूप देश मैं ऐसे मामलों मैं उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है और देश और जनता पीड़ित और छले जाने हेतु मजबूर है ।
अतः जरूरी है की देश और जनता के हितों से जुड़े इस तरह मामलों पर हो रही कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रतिमाह रखी जानी चाहिए और इसे जनता के सूचना के अधिकार मैं शामिल करते हुए शासन द्वारा स्वतः ही जनता को दिया जाना चाहिए । इससे देश और जनता यह जान सकेगी की अपने हितों से जुड़े अपराधिक मामलों पर कितनी और क्या कार्यवाही हो रही है । इससे ऐसे मामलों मैं जनता की निगरानी स्वतः ही बढ़ जायेगी और वह समीक्षा कर पाएगी और आवश्यक एवं समुचित कार्यवाही न होने पर उचित कार्यवाही हेतु दवाब भी बना सकेगी ताकि अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुचाया जा सके । प्रशासन को भी इस अनिवार्यता के चलते इन मामलों मैं तत्परता से उचित और इमानदार कार्यवाही करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा ।
ऐसा कदम जरूर ही देश मैं होने वाली अपराधिक गतिविधियों मैं रोक लगाने , शासन प्रशासन को अपराधिक मामलों मैं त्वरित गति से और पूर्णतः जवावदेही से कार्यवाही करने और जनता का न्याय और क़ानून व्यवस्था मैं विशवास बढ़ाने हेतु मील का पत्थर साबित होगा ।
आप से सहमत हूँ।
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