तब जरुरी# है गुरु# का मार्गदर्शन# ।
कुछ भी कर गुजरने का है दम ।
पर इंतजार का नही है संयम ।
जैसे ही उठाया कोई कदम ।
चाहा झट मिल जाये प्रतिफल ।
जब हक में नही रहता करम ।
असफलता हो जाती असहन ।
टूटने लगता है सपनों का भ्रम ।
मायूसी का छा जाता है तम ।
तब जरुरी है गुरु का मार्गदर्शन ।
जो दूर करे मन का सारा वहम ।
अँधेरे जीवन को कर दे रोशन ।
समस्त पूज्यनीय गुरुओं को समर्पित ।।
जय गुरुदेव ।।।
कुछ भी कर गुजरने का है दम ।
पर इंतजार का नही है संयम ।
जैसे ही उठाया कोई कदम ।
चाहा झट मिल जाये प्रतिफल ।
जब हक में नही रहता करम ।
असफलता हो जाती असहन ।
टूटने लगता है सपनों का भ्रम ।
मायूसी का छा जाता है तम ।
तब जरुरी है गुरु का मार्गदर्शन ।
जो दूर करे मन का सारा वहम ।
अँधेरे जीवन को कर दे रोशन ।
समस्त पूज्यनीय गुरुओं को समर्पित ।।
जय गुरुदेव ।।।
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