फ़ॉलोअर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
जल उठे हैं घर घर दीप !
जल उठे हैं घर घर दीप रात्री अमावस्या माह कार्तिक । जल उठे हैं घर घर दीप रात्री अमावस्या माह कार्तिक । समुद्र मंथन से रतनों...
-
रातों रात रेल दिया घुसकर अंदर पेल दिया आतंकिस्तान में तबाही का भारत ने खेल खेल दिया । भस्म हुये आतंकी नापाक फेल गई बस आग ही आग अड्डे सब हु...
-
सूर्य चंद्रमा हुये पास , कम पड़ता है #आकाश , ऐसा उड़ता #भारत आज , मँगवा दो और आकाश । दुश्मनों की है हालत खराब , कुछ पकड़ा...
-
#खता किस किस की मैं कब तक याद रखूं पता #खुशियों का मैं कब तक #नजरअंदाज रखूं । दिल में रश्क की मैं कब तक #आग रखूं खुशियों को अपने से मैं कब...

बहुत कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह दिया इन शब्दों में ...
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमुल्य् टिप्पणी के लिये बहुत धन्यवादसंजय जी .
जवाब देंहटाएं