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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

कर जाते #असर #दिल पर !


 साथ चलते चलते उनके ,

आ गया इतना तो हुनर ,

साथ चलते चलते कैसे ,

कर जाते असर दिल पर ।


मुस्कुराकर हर बार मिले ,

सुकून चेहरे पर झलके ,

 यूं ही हो जाते दिल के मेहमा , 

अपनेपन का अहसास जताकर । 


धूप हो या  छांव पड़े , 

रहते है वो साथ खड़े , 

लगते है वो तो रहनुमा ,

जब थाम लेते हैं हाथ बढ़ाकर । 


साथ चलते चलते उनके ,

आ गया इतना तो हुनर ,

साथ चलते चलते कैसे ,

कर जाते असर दिल पर ।

17 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२०-०२-२०२१) को 'भोर ने उतारी कुहासे की शाल'(चर्चा अंक- ३९८३) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  2. रवि सर और मयंक सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद।
    अनीता मेम , मेरी रचना को आपकी चर्चा में सम्मिलित करने हेतु बहुत धन्यवाद और आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सच साथ का असर हो ही एक-दूजे पर हौले हौले से

    जवाब देंहटाएं
  4. साथ चलते चलते उनके ,

    आ गया इतना तो हुनर ,

    साथ चलते चलते कैसे ,

    कर जाते असर दिल पर ।

    बहुत खूब......

    जवाब देंहटाएं
  5. सिन्हा मेम एवं रावत मेम, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. हुनर आ गया और साथ का महत्त्व भी बढ़ गया ।
    सुंदर भाव

    जवाब देंहटाएं
  7. संगीता मेम, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. क्या खूब कहा । बहुत बढ़िया ।

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह बहुत खूब।
    साथ चलने से कुछ हुनर तो आ ही जाते हैं।
    सुंदर सृजन।

    जवाब देंहटाएं

  10. साथ चलते चलते उनके ,

    आ गया इतना तो हुनर ,

    साथ चलते चलते कैसे ,

    कर जाते असर दिल पर ।,,,,,,,,बहुत सुन्दर एंव भावपूर्ण ।

    जवाब देंहटाएं
  11. अमृता मेम, मधुलिका मेम एवं मन कि वीना , आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत धन्यवाद जी ।

    जवाब देंहटाएं
  12. सिन्हा सर एवं देहलीवाल मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए बहुत धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुंदर लेखन सार्थक रचना।

    जवाब देंहटाएं

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