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गुरुवार, 3 जून 2021

है कहते ये तो #ईश्वर की है #मर्जी ।



 है कहते  ये तो #ईश्वर की है #मर्जी ।

हैं बात बड़ी ये बेदर्दी  ,


जीवन अब तक साथ बिताये ,

सुख दुख में रहे एक दूजे के साये ,

सुखद भविष्य के कितने स्वप्न सजाये,

पर एक पल में दुनिया उजड़ दी । 


सांसों के वो खेल अजब थे ,

हम सब भी बहुत सजग थे ,

न दवा काम आई न दुआ ,

एक पल में सांसे उखड़ दी ।


उजाड़ कर जमीं का घर,

बसा दिया आसमां के ऊपर ,

जो अब न आएंगे लौटकर ,

ए ईश्वर कुछ तो करते रहम जी ।


कहते है इतना ही साथ लिखा था , 

इतना ही जीवन भाग्य बदा था ,

ईश्वर का सब ये खेल रचा था ,

इन बातों से बस मन की मिला भरम जी ।


ये बात बड़ी ये बेदर्दी  ,

है कहते  ये तो ईश्वर की है मर्जी ।

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