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सोमवार, 13 दिसंबर 2021

बाहर तो निकलो ....!

 


जो देख लिया है जी भरके ,

और समा गए हो आंखों से उतर के,

जो भर गया मन बातें करके ,

तो समझाकर मन को थोड़ा जतन से,

बाहर तो निकलो इस दीवानेपन से ।


माना कि चाहत है बेजा हमसे ,

एक पल की दूरी भी भारी है कसम से,

उतरने न देते हो कभी अपने जेहन से ,

कब तक बैठे रहोगे यूं ही बंध के ,

बाहर तो निकलो इस दीवानेपन से ।


रुसवा न हो जमाना बढ़ते कदम से ,

होना न पड़े आहत बातों की चुभन से ,

देखें इस जमाने को  उनके ही दर्पण से ,

अब रखकर  कदम अपने बड़े जतन से ,

बाहर तो निकलो इस दीवानेपन से ।

20 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (15-12-2021) को चर्चा मंच        "रजनी उजलो रंग भरे"    (चर्चा अंक-4279)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 15 दिसंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय मयंक सर ,
    मेरी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (15-12-2021) को चर्चा मंच "रजनी उजलो रंग भरे" (चर्चा अंक-4279) में शामिल करने के लिये बहुत धन्यवाद और आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय तृप्ति मेम ,
    मेरी रचना को "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 15 दिसंबर 2021 को लिंक http://halchalwith5links.blogspot.in में शामिल करने के लिये बहुत धन्यवाद और आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय रवि सर ,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  6. रुसवा न हो जमाना बढ़ते कदम से ,

    होना न पड़े आहत बातों की चुभन से ,

    देखें इस जमाने को उनके ही दर्पण से ,

    अब रखकर कदम अपने बड़े जतन से ,

    बाहर तो निकलो इस दीवानेपन से ।.. बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  7. रुसवा न हो जमाना बढ़ते कदम से ,

    होना न पड़े आहत बातों की चुभन से ,

    देखें इस जमाने को उनके ही दर्पण से ,

    अब रखकर कदम अपने बड़े जतन से ,

    बाहर तो निकलो इस दीवानेपन से... वाह!बहुत खूब।

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय जिज्ञासा मेम एवं सैनी मेम ,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  10. भावनाओं से ओत-पोत सृजन !
    सुन्दर अति सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर और प्रभावशाली भावाभिव्यक्ति। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  12. आदरणीय मीणा मेम एवं मनीषा मेम ,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  13. आदरणीय आतिश सर एवं वीरेंद्र सर,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  14. आदरणीय अनुराधा मेम ,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  15. वैसे तो दीवानापन अच्छा है जब तक रहे ...
    सुन्दर अभिव्यक्ति है ...

    जवाब देंहटाएं
  16. आदरणीय नासबा सर, ज्योति मेम एवं कोठारी मेम,
    आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

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