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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

संख्या बदल रही है संसार तो है वही !

 


संख्या बदल रही है संसार तो है वही ,

जमी वहीं रहेगी और आसमां भी वहीं ,

दुनिया  रहेगी वही और इंसान भी वही ,

संख्या बदलेगी और कुछ अंदाज भी सही।


बेदर्द रहा साल , दुश्वारियां थी हर कहीं ,

कुछ अपने साथ छोड़े, धार आंसू की बही ,

जैसे तैसे संभले है , थोड़ी कसक ही सही ,

बढ़ना तो होगा ही , कुछ अपने साथ न सही ।


महफ़िल नई होगी , पर होगी शाम तो वही ,

पैमाने बदल जायेंगे , पर होंगे जाम तो वही ,

उम्र बदल जाएगी  पर होगा उन्माद तो वही,

हिम्मत न होगी कम बस पैगाम है यही ।


नव वर्ष में नूतन खुशियों हो हर कहीं ,

ईश्वर से सबके लिए मनोकामना है यही ।

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