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थाम लिया है तेरा ही #दामन ,
छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।
अब न पतझड़ न कोई सावन ,
हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।
तू ही है अब मेरी तमन्ना ,
तुझे सोचकर हर आहें भरना ,
तेरे जिक्र से दिल का मचलना ,
मेरी हर सांसें है तुझको ही समर्पण ।
रात दिन का अब अहसास नहीं ,
तेरी यादों के सिवा कुछ पास नहीं ,
भूल जाऊं तुम्हें ऐसे कोई कयास नहीं ,
चाहे हो जाये अब सबकुछ अर्पण ।
न तुझे पता न मुझे मालूम ,
कैसे चढ़ा ये चाहत का जुनून ,
मुझे तो बस है इतना सुकून ,
कि एक ही है दो दिलों की धड़कन ।
थाम लिया है तेरा ही #दामन ,
छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।
अब न पतझड़ न कोई सावन ,
हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।
Nice romantic lines :-)
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवि सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार , सादर ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवि सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार , सादर ।
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