फ़ॉलोअर

गुरुवार, 9 जून 2022

#इरादा समंदर सा गहरा है ।

इमेज गूगल साभार


 #समन्दर तो गहरा है ,

पर #साहिल का पहरा है ।

पर न वो मायूस है ,

और न गमों के तूफानों ने घेरा है ।

हवाओं के मन्द झोकों से ,

झूमकर मस्ती में लहरा है ।


#नदियां तो बहती है ,

हर बाधायें सहती है ।

पर न रोके से रुकी है , 

न जंगल पहाड़ में अटकी ।

समन्दर से जा मिलने का ,

मन में इरादा जो ठहरा है ।


ये #दुनिया तो चलती है ,

कभी न रुकती है ।

न ही मुसीबतों के छलकते पैमाने से , 

और न ही किसी के आने जाने से ।

नदियों सा बहते जाने का,

इरादा समंदर सा गहरा  है । 

12 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन नदी से रहे ,इससे बेहतर क्या ।
    अच्छी रचना

    जवाब देंहटाएं
  2. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 10 जून 2022 को 'ठोकर खा कर ही मिले, जग में सीधी राह' (चर्चा अंक 4457) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

    जवाब देंहटाएं
  3. अन्तर्मन में उर्जा का संचार करती बेहतरीन सृजन,🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह चरैवेति का बोधज्ञान कराती अति सुंदर रचना !!

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय संगीता मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय रविन्द्र सर मेरी प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा इस अंक 'ठोकर खा कर ही मिले, जग में सीधी राह' (चर्चा अंक 4457) पर सम्मिलित करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय कामिनी मेम एवं अनुपमा मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  8. गति ही जीवन है बस लक्ष्य साधे चलते रहो।
    बहुत सुंदर सृजन।

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय कोठारी मेम एवं ज्योति मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  10. आदरणीय संजय सर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं

Clickhere to comment in hindi

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...