फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022

निभा अपना वही असली #किरदार !

 

इमेज गूगल साभार 


#दर्पण में देख चेहरा निखारते,

बालों को बार बार कंघी से संवारते ,

किसी शख्सियत की ले शक्ल उधार,

मिलाते उससे अपनी बार बार ।


देता नहीं दर्पण किसी को दगा,

दिखाता वैसा ही जो जैसा था ,

फिर करे कितना ही दर्पण साफ ,

दिखेगा वही जो वास्तव में हो आप ।


देखकर दर्पण हर शख्स यहां ,

छुपाता है दाग और झुर्रियों के निशां,

न दिखे शक्ल पर उम्र का पहरा ,

जामाता है चेहरे पर कई रंगों डेरा । 


सामने दर्पण के कभी खुद को रख ,

अपनी असलियत को जरा परख ,

निभा अपना वही असली #किरदार ,

जैसा  तुझे ईश्वर ने बनाया है यार ।

                  "दीप"क कुमार भानरे#

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 18 दिसम्बर 2022 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय यशोदा मेम, मेरी लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 18 दिसम्बर 2022 को साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब दीपक जी।भले दर्पण झूठ ना बोले पर इन्सान अपनी असलियत छिपाने को सदैव तत्पर रहते हैं।बहुत कौशल से लिखे हैं सभी छ्न्द।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय रेणु मेम एवं सुधा मेम , आपकी शुभकामनायें और बधाई एवं बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेत बहुत धन्यवाद ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं

Clickhere to comment in hindi

#सरपट दौड़े जिंदगी !

  #सरपट दौड़े जिंदगी, कोई न हो परेशान, है #ईश्वर इस संसार में, दे सबको यह #वरदान । फिसले न कोई राहों में, चाहे गति कितनी असमान , अच्छे भले स...