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सेतु और संगम है
जिसमें गुजरती संस्कृतियां महान 
सागर और नदियां है 
करते जिसमें भाव सभी स्नान 
सहयोग और समर्पण है 
निहित है जिसमें परोपकार और कल्याण 
विचार , सूचना और ज्ञान का
होता जिसमें अदान प्रदान आसान 
ऐसी प्रभामयी और प्रभावशाली 
हिंदी है मेरा अभिमान ।
है समाहित जिसमें 
आदर और सम्मान 
कल्पना और उपमाओं से 
जो पत्थर में फूंके प्राण 
स्तुति और वंदना से 
जो लाये समीप भगवान 
सुख शांति और खुशियों का
है उपलब्ध जिसमे सारा आख्यान 
ऐसी समृद्ध और सशक्त 
हिंदी है मेरा अभिमान ।
🌷🌷हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं । 🌷🌷
                    ***दीपक कुमार भानरे ***

शुभकामनाएं हिंदी दिवस की |
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