आसपास और दुनिया मैं होने वाली घटनाओ को देखकर मन मैं कसक और टीस सी उठती है और मन सोचता है इन बातों को किस से कहूँ और कैसे कहूँ । कौन मेरी बात को सुनेगा , मन बड़ा विचलित हो उठता था । अंदर ही अंदर एक द्वंद सा मचा रहता था । फिर एक दिन एक दैनिक समाचार पत्र मैं ब्लॉग के बारे मैं पढने को मिला , तो लगा की मुझे सही मंच मिला , जिसमे मैं अपनी बात लोगों के सामने कह सकूं और मन का बोझ हल्का कर सकूं । पहले भी मैं कई बार अपनी प्रतिक्रिया और बातों को पाठकों के पत्र कोलम मैं दैनिक समाचार पत्रों के मध्यम से कहता रहता था , किंतु उनकी व्यावसायिक मजबूरी कहे या कुछ और मेरी बातों को गाहे बगाहे ही स्थान दिया जाता था , और वह भी काफी काट छाट के बाद , हो सकता है सिर्फ़ ख्यातिनाम बड़े लेखकों को ही स्थान मिलता हो । मन मायुश होकर रह जाता था और सोचता था की मेरी बात को तब्ज्जो मिलना मुश्किल है , और मैं लिखना छोड़ देता था । किंतु भला हो ब्लॉग का की जिसने मुझे नया मंच और अवसर प्रदान किया है अपने प्रतिक्रिया और विचार अभिव्यक्ति का ।
पिछले तीन माहों से मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया है , किंतु मुझे बड़ी खुशी मिल रही है , अब तो यह एक नशा सा हो गया है , मेरा मन रोज कम से कम एक ब्लॉग तो अवश्य लिखना चाहता है और लिखे गए ब्लॉग मैं बुद्धिजीवी पाठक गन की उत्तसाह वर्धक प्रतिक्रिया मिलती है तो मन तो प्राफूलित हो जाता है । मेरा ब्लॉग लिखना तो शैशव अवस्था मैं है , आशा है बुद्धिजीवी पाठक महोदय और ब्लॉग महारथी के अस्शिर्वाद और मार्ग दर्शन से इसमे और निखार आयेगा । मेरे ब्लॉग लिखने मैं मार्ग दर्शन देने मैं रविरतलामी जी का भरपूर सहयोग मिला है , जिनका मैं दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ की मुझे भी ऐसे ही मार्गदर्शन मिलता रहेगा । ब्लोग्वानी , चिट्ठाजगत और नारद के माध्यम से ब्लॉग को विश्व परिद्रश्य मैं उचित मंच मिलने मैं बड़ी ही महाताव्पूर्ण भूमिका रही है । वे भी कोटी कोटी धन्यवाद के पात्र है । इन पटल पर भारी मात्रा मैं हिन्दी ब्लॉग लेखकों को देखकर बड़ी ही खुशी होती है । कितने ही दबी हुई लेखक , रचनाकार और कवि जैसी प्रतिभाएं को इन पटल के माध्यम से उचित अवसर और मंच मिला है । बेशक ब्लॉग ऐसी प्रतिभाएं का उत्तसाह वर्धन और जोश बढ़ाने मैं बहुत ही बड़ा रोल अदा कर रहा है । इन प्रयासों से निश्चित रूप से ज्ञान और रचना का एक विशाल संग्रह हो रहा है जो आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा । हिन्दी लेखन को एक नई दिशा और विश्व परिद्रश्य मैं नया मंच मिल रहा है , जो की हिन्दी भाषा को सम्रध बना रहा है । प्रयास्सों का यह कारवां विश्व मैं हिन्दी भाषा को विशिष्ट और वैश्विक भाषा का दर्जा दिला कर ही रहेगा ।
अतः निसंदेह यह कहा जा सकता है की ब्लॉग अपनी बात को कहने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है । जो बात अन्य मंच और माध्यम से नही कही जा सकती है वह पूरी शिद्दत के साथ अपनी पूरी बात ब्लॉग के माध्यम से देश ही नही सारे विश्व के सामने खुलकर कही जा सकती है ।