आओ इस बार भी मोमबत्ती जलाकर फिर आक्रोश दिखाते हैं ,
फिर तुम अपनी राह हम भी अपनी राह की और बढ़ जाते है ।
मीडिया भी खूब चीख चीख कर इंसाफ इंसाफ चिल्लाते हैं ,
टी आर पी के चक्कर में सब भूल नई खबरों से चोंच लड़ाते हैं ।
हर बारदात के होने पर बेटियों पर और पाबंदियों बढ़ाते हैं ,
पर देर रात तक घूमते बेटों को कोई नई सीख नहीं दे पाते हैं ।
शिक्षा व्यवस्था ऐसी है जो बच्चों में नंबरों की होड़ बढ़ाते हैं ,
पर नैतिकता और अच्छे आचरण के अब कहां पाठ पढ़ाते हैं ।
अब तो 3जी और 4जी की डाटा स्पीड में मोबाइल चलाते हैं
बच्चे बूढ़े और जवान और आसानी से अश्लील सामग्री पाते हैं ।
फ़ूहड़ और अश्लील होती फिल्मों पर उंगली नहीं उठाते हैं ,
परिवार संग साथ बैठकर ऐसी फिल्मों का खूब लुत्फ उठाते हैं ।
घटनाओं के घटने के बाद कड़े कानून बनाने की मांग उठाते हैं ,
पर सजा ना होने के कारण अब अपराधी कहां खौफ खाते हैं ।
न सोच बदलती न हालात बदलते न कोई ठोस कदम उठाते हैं ,
फिर एक प्रियंका के जान मान को दरिंदे तार तार कर जाते हैं ।
फिर मोमबत्ती जलाकर चीख पुकार कर आक्रोश दिखाते हैं ।
फिर तुम अपनी राह और हम अपनी राह की और बढ़ जाते हैं ।
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