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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

गणपति जी के कृपा नयन से ।


 धरती , पाताल और गगन से ,

इस जग के हर कण कण से ,

शोभायमान  है चहुं दिशायें ,

गणपति जी के शुभ आगमन से । 


भक्ति भाव खुशियां आनंद से ,

हल्दी चन्दन और कुमकुम से

स्वागत है स्तुति वंदन से , 

गणपति विराजे हैं ऋद्धि सिद्धि संग से ।


दूर होगी दुविधा मन से ,

कष्ट मिटेंगे नश्वर तन से ,

हर विपदा हर जाएगी ,

गणपति जी के कृपा नयन से ।


गणेश उत्सव की कोटिश शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।

ओम जय श्री गणेशाय नमः । 

12 टिप्‍पणियां:

  1. :-) अति मनमोहक रचना :-) जय श्री गणेश :-)

    जवाब देंहटाएं
  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(११-०९-२०२१) को
    'मेघ के स्पर्धा'(चर्चा अंक-४१८४)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय मेम जी नमस्ते ,
    मेरी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा 'मेघ के स्पर्धा'(चर्चा अंक-४१८४) पर करने हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  4. श्री गणेशाय नमः! आपकी यह रचना बहुत सुन्दर रही बंधुवर!

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय भट्ट सर एवं ज्योति मेम , ब्लॉग में आकर सकारात्मक एवं उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया अभिव्यक्ति हेतु अत्यंत धन्यवाद एवं आभार ।
    जय श्री गणेश ।

    जवाब देंहटाएं
  6. धन्यवाद सर , आपको बहुत बहुत शुभकामनायें ।
    जय श्री गणेश ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर,भावभरा आवाहन गणपति बप्पा का 🙏💐

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय जिज्ञासा मेम , ब्लॉग में आकर सकारात्मक एवं उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया अभिव्यक्ति हेतु अत्यंत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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