साथ तेरा लगे ऐसा
जैसे प्रभु की है कृपा .
मेरी दुनिया हुई
ख़ुशी के काबिल है
भटकती लहरों को
जैसे मिला साहिल है
सुकून में है अब तो
वक्त का हर लम्हा .
उदासी के बादल
अब हुये धूमिल है
चाँद सितारों सी
सजी महफ़िल है
अहसास में है अब तो
एक प्यारा सा समा .
राह में अब तक
न हुई मुश्किल है
चाहा था जो वो
हुआ हासिल है
जिन्दगी से हमें अब
करने को रहा न गिला .
साथ तेरा लगे ऐसा
जैसे प्रभु की है कृपा .

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 24 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीय , मेरी लिखी रचना को "पांच लिंकों के आनंद " में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार । सादर ।
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जवाब देंहटाएंआदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
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जवाब देंहटाएंआदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद
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