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शनिवार, 22 नवंबर 2025

साथ तेरा लगे ऐसा !

 


साथ तेरा लगे ऐसा

जैसे प्रभु की है  कृपा .

 

मेरी दुनिया हुई

ख़ुशी के काबिल है

भटकती लहरों को

जैसे मिला साहिल है

सुकून में है अब तो

वक्त का हर लम्हा .

 

उदासी के बादल

अब हुये धूमिल है

चाँद सितारों सी

सजी महफ़िल है

अहसास में है अब तो

एक प्यारा सा समा .

 

राह में अब तक

न हुई मुश्किल है

चाहा  था जो वो

हुआ हासिल है

जिन्दगी से हमें अब

करने को रहा न गिला .

 

साथ तेरा लगे ऐसा

जैसे प्रभु की है  कृपा .


10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 24 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय , मेरी लिखी रचना को "पांच लिंकों के आनंद " में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार । सादर ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. आदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. आदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. आदरणीय , आपकी सराहनीय एवं उत्साह वर्धनीय प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद

      हटाएं

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साथ तेरा लगे ऐसा !

  साथ तेरा लगे ऐसा जैसे प्रभु की है   कृपा .   मेरी दुनिया हुई ख़ुशी के काबिल है भटकती लहरों को जैसे मिला साहिल है सुकून में है...