इमेज गूगल साभार |
वक़्त बदलते हैं ,
हालात बदलते हैं ,
कभी वक्त लगता है ,
कभी अकस्मात बदलते हैं ।
गर जारी रही कोशिशें ,
तो तय है कि ,
पर्वत भी पिघलते हैं ,
और दरिया भी थमते हैं ।
वक्त बदलते हैं ,
हालात बदलते हैं ,
कभी परिश्रम लगता है ,
कभी भाग्य बदलते हैं ।
गर हौसला बना रहे ,
तो तय है कि ,
अवसर भी मिलते हैं ,
और कामयाबी भी बुनते हैं ।
वक्त बदलते हैं ,
हालात बदलते हैं ,
कभी मर्जी का होता है,
कभी न मर्जी मिलते हैं ।
गर संयम बना रहे ,
तो तय है कि ,
बुरे दौर भी गुजरते हैं ,
बुरे हालात भी टलते हैं ।
वक़्त बदलते हैं ,
हालात बदलते हैं ।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२२-०१ -२०२२ ) को
'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
:-) Beautiful :-)
जवाब देंहटाएंआदरणीय अनीता मेम ,
जवाब देंहटाएंमेरी प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा
'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३) पर सम्मिलित करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार । होगी।
सादर ।
सादर
आदरणीय रवि सर, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसर जी बहुत शानदार
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर, आपकी सकारात्मक और शानदार प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरणादायक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय नीतीश सर , मनीषा मेम एवं अभिलाषा मेम आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय मनोज सर, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय सरिता मेम, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं