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गुरुवार, 13 मार्च 2025

#होली में कुछ #चुहलबंदी ।

है उत्सव और आनंद
खुशियों के उड़ते रंग 
छाई है #होली की मस्तियां
क्योंकि ऋतु है #बसंत।

कपड़े पुराने ढूंढ रहे 
आलमारी पूरी बिखराए 
जिसको देखो वही लगे 
जैसे नए नए सिलवाए । 

#गुटका दबा दबाए के 
ऐसा मुंह लिया पिचकाए 
खाने एक कौर को 
मुंह भी न खुल पाए । 

#छपरी लोग कह रहे 
होली छपरी का खेल 
पर खुद की छपरी न झांक रहे
जिसमें क्या क्या हुए है खेल ।

22 # पंडे साधु संग 
उतरे 11 भारत वीर 
#पाकी तभी तो हार गए 
कह गए पाकी टेली वीर । 

पानी बचाने होली में 
ज्ञान वो रहे पेल 
जो अपनी चीज धोने में 
ढेरों पानी रहे उड़ेल । 

होली की ढेरों शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।

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#होली में कुछ #चुहलबंदी ।

है उत्सव और आनंद खुशियों के उड़ते रंग  छाई है #होली की मस्तियां क्योंकि ऋतु है #बसंत। कपड़े पुराने ढूंढ रहे  आलमारी पूरी बिखराए  जिसको देखो ...