आस लगाये बैठे हैं कौन घड़ी आवेंगे भगवान् ।
मुम्बई के महिम तट पर मीठा हुआ पानी तो लगा की आए भगवान् ।
मूर्तियों ने दुग्ध पान किया तो लगा की आए भगवान् ।
तस्वीरो से आंसू निकले तो लगा की आए भगवान् ।
मदर टेरसा की तस्वीर से हुआ चमत्कार तो लगा की आए भगवान् ।
चमत्कारिक घटना की आहट कोई हुई तो लगा की आए भगवान् ।
मन्दिर ,मस्जिद , चर्च और गुरुद्वारा गया तो लगा की आए भगवान् ।
साधू संत और फकीर आए तो लगा की आए भगवान् ।
कुम्भ , काबा और बेथलहम पंहुचा तो लगा की आए भगवान्
ईद , दीवाली और क्रिसमस आए तो लगा की आए भगवान् ।
कलियुग के इस दौर मैं भूख , भय और भ्रष्ट आचार से मुक्ति दिलाने
आस लगाये बैठे है , कौन घड़ी आवेंगे भगवान् ।
आपको पढ़ा तो लगा की आए भगवान . :)
जवाब देंहटाएंहमने तो ये आस छोड़ दी है साहब.....
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