फ़ॉलोअर

बुधवार, 1 अक्तूबर 2008

जोधपुर की दुखद घटना - कब समझेंगे सब .

जोधपुर मैं मेहरानगढ़ चामुंडा देवी मन्दिर हुई दुखद घटना का क्या सबब हो सकता है . पहले भी इस तरह की दुखद घटना देश के कई हिस्सों मैं हो चुकी है , जन्हा बड़ी संख्या मैं श्रद्धालु हताहत हुए हैं . किंतु धार्मिक क्रियाकलाओं और पूजा के स्थलों मैं जन्हा की श्रद्धालु की भारी भीड़ दर्शनार्थ और पूजा के कार्यों हेतु जमा होती है घटी इस प्रकार की दुखद घटनाओं से ना ताओ सरकार , ना ही प्रशासन और ना ही जनता ने कोई सबक लिया है । लापरवाही और नजरान्दाजी के परिणाम स्वरुप जोधपुर मैं मेहरानगढ़ चामुंडा देवी मन्दिर दुखद हिरदय विदारक घटना घटित हुई . दुखद घटना मैं मारे गए श्रद्धालु और हताहतों के साथ गहरी सवेंदना है ।
इसको हम प्रशासन की समुचित व्यवस्था बनाने की नाकामी कहें , या फिर वी आई पी को तबाज्जों देकर भक्तों के साथ भगवान् के दरबार मैं भेदभाव का परिणाम कहें या फिर दर्शन और पूजा की जल्दी हेतु अधीर और धैर्यहीन श्रद्धालु की नासमझी कहें . कहा जाता है की वी आई पी सांसद को श्रद्धालु की भीड़ के बीच मैं से दर्शनार्थ ले जाया गया था । यह भी कहा जा रहा है की धैर्यहीन श्रद्धालु द्वारा रास्ते मैं ही नारियल फोडे जाने लगे थे जिसके कारण रास्ता फिसलन भरा हो गया था । और यह हो सकता है की प्रशासन द्वारा भक्तों के संख्या को नजरअंदाज कर पर्याप्त व्यवस्था नही की गई होगी , क्यों नही मन्दिर की क्षमता के अनुपात से अधिक श्रद्धालु को मन्दिर के अन्दर जाने से रोका गया ।
क्यों नही मन्दिर प्रशासन और सरकार ऐसी घटनाओं से सबक लेती है ? क्यों हर धार्मिक उत्सवों और धार्मिक अवसरों के शुभ और पवित्र मौके पर धार्मिक स्थानों मैं इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है . वी आई पी के लिए तो पलकें बिछाई जाती है किंतु आम श्रद्धालु को यूँ ही खतरों से खेलने हेतु छोड़ दिया जाता है ।
जन्हा भक्त और श्रद्धालु अपनी व्यस्तम जीवन से कुछ सुकून और शान्ति के पल बिताने हेतु धार्मिक अवसरों पर इन पूजा स्थलों के देवी देवताओं की शरण मैं मंगल कामना के साथ जाता है . किंतु लापरवाहियों और बदिन्ताजामी के चलते दुःख और शोक झेलना पड़ता है . अपने अजीजों और चहेतों को खोने का भारी श्राप ढोना पड़ता है .
अतः इस ईद और नवरात्र के पवित्र मौके पर ऐसी मंगल कामना की जानी चाहिए की धार्मिक उत्सवों और आयोजन के शुभ अवसरों पर ऐसी दुखद और हिरदय विदारक घटना की पुनरावृत्ति नही होगी . हमारी वी आई पी भी भगवान् के दरबार मैं भी अपने को श्रेष्ट साबित करने से बचेंगे । मन्दिर प्रशासन और सरकार भी ऐसे धार्मिक शुभ अवसरों पर समुचित व्यवस्था करेंगी . साथ ही भक्त और श्रद्धालु भी भगवान् के दरबार मैं शान्ति और धैर्य के साथ शुभाशीष प्राप्त करने हेतु पहुचेंगे .
ऐसी मंगल कामना और श्रद्धा के साथ सभी को ईद और नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. जोधपुर की त्रासदी वाकई ह्रदय विदारक है। दिवंगत आत्माऒं कि शान्ति के लिये प्रभू से प्रार्थना है।

    जवाब देंहटाएं
  2. राम से बड़ा राम का नाम...अंत में निकला ये परिणाम (राम नाम सत्य है......)
    इस विषय पर आज की पोस्ट पढ़ लीजियेगा.

    जवाब देंहटाएं

Clickhere to comment in hindi

एक दूजे के लिये #चांद से !

Image Google saabhar. एक दूजे के लिये #चांद से यह दुआ है ता उम्र , हो पल पल सुकून का और हर पल शुभ #शगुन । हो न कोई गलतफहमी न कोई उलझन, शांत ...