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शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2008

ब्यूटीफुल और हेंडसम की चाहत !

आज की युवा पीढी मैं जन्हा युवक अपने जीवन साथी के रूप मैं एक सुंदर और ब्यूटीफुल लड़की की कल्पना करता है तो वन्ही युवती एक हेंडसम और सुंदर कद काठी वाले लड़के की चाहत रखती है । अतः एक सुंदर घर और सुखद जीवन के लिए हर व्यक्ति एक सुंदर जीवन साथी की चाहत रखता है । वैसे यह सोच वर्षों पुरानी है और जैसे की मानव मन की स्वाभाविक वृत्ति है की वह हमेशा नेत्रों के माध्यम से मन को सुंदर और मनोरम लगने वाली नश्वर और अनश्वर वस्तुओं की और आकर्षित होता रहा है । मानव मन की इसी प्रवृत्ति के कारण ही बाहरी आकर्षण के अतिरिक्त अन्य आंतरिक और छिपे हुए गुणों क्रम बाद मैं ही आता है । अतः इसी स्वभाव के चलते यदि किसी लड़का अथवा लड़की को पहली नजर मैं कोई भा जाता है तो इससे ही संभवतः सुखद अहसास की कोपल मन मैं प्रस्फुटित होने लगती है । इस पहली नजर को सिर्फ़ बाहरी व्यक्तित्व का ही आकर्षण प्रभावित कर पाता है अन्य आंतरिक गुणों का आकर्षण तो बाद की बात रहती है और किसी व्यक्ति के आंतरिक गुणों की और तभी आकर्षित होते हैं जब इसी पहली नजर की पहचान के कारण ही धीरे धीरे दूरियां नजदीकियां मैं बदलती है ।
जैसा की आज के दौर मैं सुन्दरता के मायने सिर्फ़ बाहरी और बाहरी आकर्षण मैं ढूंडा जाता है और इसी बाह्य आकर्षण के कारण ही हेंडसम लड़का ब्यूटीफुल लड़की अथवा ब्यूटीफुल लड़की हेंडसम लड़के की और आकर्षित हो रहें है । जन्हा प्यार की अन्तिम परिणिति दो दिलों के मेल से चलकर दो शरीर के मिलन पर होती है । यह संभवतः इसी अवधारणा के चलते आज लाइव इन रिलेशन शिप की बात की जा रही है । इन सबके इतर इसमे कुछ ही अपवाद होंगे जिसमे ब्यूटीफुल और हेंडसम की अवधारणा को नजर अंदाज कर आंतरिक सुन्दरता को ध्यान मैं रखकर अपने जीवनसाथी की कल्पना की होगी ।
वैसे भी आज की फिल्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इसी अवधारणा पर काम कर रही है । और बमुश्किल ही शारीरिक सुन्दरता के अतिरिक्त अन्य बातों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है फिल्मो और टीवी धारावाहिक मैं पहली प्राथमिकता तो ब्यूटीफुल चेहरे वाली नायिका और हेंडसम चेहरे वाले नायक ही होते हैं और उसके बाद ही उनपर अन्य अच्छे गुणों का मुलम्मा चढाया जाता है ।। इससे भी एक कदम आगे बढ़कर अंग प्रदर्शन को सुन्दरता के नाम पर बढ़ावा दिया जा रहा है । संभवतः ये ही माध्यम है जो आज की पीढी को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहें है।
फिर भी मानव मन की स्वाभाविक प्रवृत्ति के अनुरूप मानव नेत्रों को भाने वाले सुंदर और मनोहारी अर्थात ब्यूटीफुल और हेंडसम लगने वाली चीजों की और मानव तो आकर्षित होगा ही । किंतु इसके साथ ही अन्य आंतरिक ब्यूटीफुल और हेंडसम गुणों के साथ मन की सुदरता को भी तरजीह दी जानी चाहिए ।

12 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल सही लिखा है आपने इस लेख में ..आज कल सिर्फ़ दिखावे की दुनिया है ..

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  2. सही कहा आपने.
    ऊपरी सुन्दरता का यह मायाजाल बुरी तरह मति को भ्रमित कर देता है और इसी के चक्कर में पड़कर लोग दुखी होते हैं.अपने साथी चुनते समय बाह्य सुन्दरता को मापदंड बनने वाला व्यक्ति कैसे सुखी हो सकता है,जबकि गृहस्थी में उतरने पर सारे आवरण हट जाते हैं,सिर्फ़ असलियत से सामना रहता है....

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  3. इसमें ग़लत क्या है...? हर इंसान सुन्दरता का प्रशंसक होता है...

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  4. दीपक जी अच्‍छा लिखा है आपने लेकिन फिरदौस जी जो कह रही हैं मुझे लगता हे कि शायद उनका कहना गलत है क्‍योंकि जो सुंदरता जो आवाज प्राकृतिक है वही सुंदर है उससे ज्‍यादा तो फिर वो कहावत है ना कि कौवा चला हंस की चाल अपनी भी चाल भूल गया दिखावा होना चाहिए लेकिन एक हद तक क्‍योंकि आजकल की दुनिया में माना कि दिखावा ही बाकी है लेकिन बाद में इसके दुष्‍परिणाम भी देखने को मिल जाते हैं बाकी बधाई हो एक अच्‍छी पोस्‍ट के लिए

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  5. किंतु इसके साथ ही अन्य आंतरिक ब्यूटीफुल और हेंडसम गुणों के साथ मन की सुदरता को भी तरजीह दी जानी चाहिए
    " very well said, i too agree with your thought"

    Regards

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  6. खूबसूरती हर इन्सान को आकर्षित करती है.....ओर इसकी चाह रखना कोई बुराई नही है...सर्वगुण संपन्न किसको नही चाहिये ?पहले भी स्ववंयर होते थे ...हाँ इंसान का गुणी होना भी उतना ही जरूरी है....कड़वी चाय कहाँ अच्छी होती है ?

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  7. अनुराग जी ने मेरे मुंह की बात छीन ली, लेकिन बाहरी आवरण के साथ आतंरिक सुन्दरता का होना भी उतना ही आवश्यक है. लिखा सुंदर है.

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  8. खुबसुरती क्या है, खुब सुरत चेहरा, या एक सुन्दर मन ???
    आप ने बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है.
    धन्यवाद

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  9. दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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  10. दीपावली पर्व की आपको और आपके परिजनों को हार्दिक शुभकामना .

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  11. आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।

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