फ़ॉलोअर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पूछ रही है #महफिलें ।
शाम ने #बांधा समा रात ने दी #दस्तक अब पूछ रही है #महफिलें जागना है कब तक । दौर पर दौर चले जाम के लव तलक अब पूछ रहे है प्याले रहना होश ...
.jpg)
-
रोज सुबह आते दैनिक या साप्ताहिक अखबार हो , टीवी मैं चलने वाले नियमित कार्यक्रम हो या फिर रेडियो मैं चलने वाले प्रोग्राम हो या मोबाइल मैं आ...
-
Image Google saabhar. एक दूजे के लिये #चांद से यह दुआ है ता उम्र , हो पल पल सुकून का और हर पल शुभ #शगुन । हो न कोई गलतफहमी न कोई उलझन, शांत ...
-
#खता किस किस की मैं कब तक याद रखूं पता #खुशियों का मैं कब तक #नजरअंदाज रखूं । दिल में रश्क की मैं कब तक #आग रखूं खुशियों को अपने से मैं कब...
अनेक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यबाद सर जी।
जवाब देंहटाएं