नशे सी हो गयी जिंदगी ,
पिये जा रहे इसे व्हिस्की और रम की तरह ,
कभी तो खुशगवार होगी जिंदगी ,
जिये जा रहे है इसे एक वहम की तरह।
कभी तो खुशगवार होगी जिंदगी ,
जिये जा रहे है इसे एक वहम की तरह।
मिल जाते लोग कदम कदम पर कई रिश्तों में ,
निभा लेंगे हर रिश्ता जिंदगी से एक रसम की तरह।
निभा लेंगे हर रिश्ता जिंदगी से एक रसम की तरह।
कभी अपनों की दुआओं तो कभी अपनों का सहारा ,
जिंदगी के तपते रेगिस्तान में हो जाते हैं मरहम की तरह।
जिंदगी के तपते रेगिस्तान में हो जाते हैं मरहम की तरह।
बड़ी बेरहम है ये दुनिया न जाने किस बात पर बिगड़ जाये ,
पर खुशकिस्मती से मिला है सबका साथ रहम की तरह।
पर खुशकिस्मती से मिला है सबका साथ रहम की तरह।
गम और ख़ुशी के न जाने कितने रंग है आजमाये,
करवटें लेती रही जिंदगी धुप और बारिश के मौसम के तरह।
करवटें लेती रही जिंदगी धुप और बारिश के मौसम के तरह।
माना कि बेवफा है जिंदगी न जाने कब साथ छोड़ जाये ,
चाहा है इस जिंदगी को एक खूबसूरत सनम की तरह।
चाहा है इस जिंदगी को एक खूबसूरत सनम की तरह।
है जब तक "दीप" ऐ जहान जिंदगी,
जी लेंगे एक कसम की तरह
हो कोई भी गमे ऐ जिंदगी ,
पी लेंगे इसे व्हिस्की और रम की तरह।
जी लेंगे एक कसम की तरह
हो कोई भी गमे ऐ जिंदगी ,
पी लेंगे इसे व्हिस्की और रम की तरह।
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
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