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रविवार, 17 फ़रवरी 2019

गीदड़ों# के बम# पर कहाँ है इतना दम# !

इमेज गूगल साभार
गीदड़ों के बम पर कहाँ है इतना दम ,
जो भिड़ सके शेरों से सामने आकर ।

कायरों सा छिपकर कर रहे आक्रमण ,
कुछ गद्दारों संग पीछे से आकर ।

कंगाली से जिसका भरा है खुनी दामन,
आतंकवाद की जहरीली फसल लगाकर ।

कुछ न कर पायेंगे ये बुजदिल हासिल ,
ऐसी घटिया सी हरकत अपनाकर ।

जब भी शेरों के सामने आया दुश्मन ,
पराजित हुआ है मुंह की खाकर ।

एक एक कर सब पहुचेंगे  जहन्नुम ,
कोई न बचेगा शेरों से टकराकर ।

जय हिन्द की सेना । 

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