फ़ॉलोअर

गुरुवार, 30 सितंबर 2021

#आसमां सर पर क्यों उठाते हो !

 

इमेज गूगल साभार 

#आसमां सर पर क्यों उठाते हो  ,

पैर #जमी पर नहीं रख पाते हो  ,

जमी पैरों के नीचे कि एक दिन ,

यूं ही जायेगी खिसक ,

आग पानी में क्यों लगाते हो ।

 

माना कि जमाने में मुश्किलों है बहुत ,

कुछ सुलझती है कुछ जाती है उलझ ,

हर समस्या से मिलती नहीं  निजात है  ,

समझौता कर रहना पड़ता साथ है ,

औखली में सर अपना क्यों पड़वाते  हो ।........

 

जीवन थोड़ा है और काम  है बहुत ,

दुनिया बड़ी है और ज्ञान है बहुत ,

एक जीवन भी पड़ जायेगा कम ,

समेटने को दुनिया लगेंगे कई जनम ,

जीवन को जी का जंजाल क्यों बनाते हो ।.....  

 

नाराजगियाँ  अपनों की जाती है छलक ,

दरियाँ दिलों का बहने लगता है अलग ,

रखकर शीतल मिजाज अपना  ,

रोक लें दिलों का सुलगना ,

अपनों की कश्ती क्यों भवर में उलझाते हो ।......  

 

आसमां सर पर क्यों उठाते हो  ,

पैर जमी पर नहीं रख पाते हो  ,

जमी पैरों के नीचे कि एक दिन ,

यूं ही जायेगी खिसक ,

आग पानी में क्यों लगाते हो ।

रहे जीवन में शुभ लाभ प्रवेश !

रहे जीवन में शुभ लाभ प्रवेश   बोलो जय जय श्री गणेश . बाधाओं का न कोई बंधन रोगों से न कोई सम्बन्ध सदा स्वस्थ रहे   तनमन मिट जाते सा...