सर्द शाम चाय की चुस्कियों में खो जाते हैं ।
चलो अपनों संग छोटी सी महफ़िल सजाते हैं ।
चायपत्ती का वो हल्का सा नशीला रुआब है,
अदरक का गले को सहलाता वो तीखा अंदाज है,
उस पर शक्कर सी बातों का मीठा लिहाज है ,
चलो यूं ही तपिश के सुकु लिबास में घिर जाते हैं।......
गर्म चुस्कियों भरी प्याले और ओठों की बातें हैं,
गर्माहट भरे रिश्तों के अहसास और दिलासे हैं,
हर एक गर्म चुस्कियां से ओठों की तपन बढ़ाते हैं,
चलो तपन की सहूलियत से तबीयत में राहत पाते हैं ।.....
छलक न जाए मिठास से भरे चाय के प्याले ,
रिश्तों की गर्माहट को सर्द हवाओं से संभाले ,
होती रहे प्याले और ओंठों की हंसी मुलाकातें हैं ,
चलो चाय की चुस्कियों में ऐसे कई लम्हे बिताते हैं ।.....
सर्द शाम चाय की चुस्कियों में खो जाते हैं ।
चलो अपनों संग छोटी सी महफ़िल सजाते हैं ।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०८-०१ -२०२२ ) को
'मौसम सारे अच्छे थे'(चर्चा अंक-४३०३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
शुभ प्रभात आदरणीय ,
जवाब देंहटाएंमेरी प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शनिवार(०८-०१ -२०२२ ) को
'मौसम सारे अच्छे थे'(चर्चा अंक-४३०३) पर शामिल करने के लिए
बहुत धन्यवाद और आभार ।
सादर ।
वाह! सर्दियों में अदरक वाली चाय की महिमा को बखानती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह! चाय की मीठी चुस्कियों जैसी सुंदर मीठी रचना 🌷🙏🌷
जवाब देंहटाएंआदरणीय अनीता मेम एवं शरद मेम ,
जवाब देंहटाएंआपकी चाय की चुस्किया जैसी मीठी और बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार।
सादर ।
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय सरिता मेम ,
जवाब देंहटाएंआपकी अच्छी और बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार।
सादर ।
वाह क्या खूब कहा!!
जवाब देंहटाएंमिठास से भरी बहुत ही प्यारी रचना 😍😍
आदरणीय मनीषा मेम ,
जवाब देंहटाएंआपकी अच्छी और बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार।
सादर ।
सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंआदरणीय विकास सर,
जवाब देंहटाएंआपकी सुन्दर सी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार।
सादर ।