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रविवार, 20 अगस्त 2023

कितना सुकून है जनाब !

 
इमेज गूगल साभार

 
कहीं न जाओ अब #जनाब ,
यूं ही बैठो रहो पास ,
कितना सुकून है जनाब ,
तुमसे मिलकर यूं आज । 
 
#मदहोशी की मस्ती है ,
वो बाहों की कश्ती है ,
सोचा न था यूं पूरी होगी ख्वाइश ,
चाहत के समंदर में लो डूबते हैं हम आज । 
 
कुछ इस तरह से खाया तरस ,
मखमली हाथों का मिला स्पर्श ,
तपती रेत में बारिश गई बरस ,
लो बन गया दिन बड़ा ही खास । 
 
चुसकियों में #काफी हो या #चाय ,
संग तुम्हारे जो भी लो हाय ,
गर्म साँसों की आंच से सर्द #शामें ,
लम्हा लम्हा हो रही है आबाद । 
 
कहीं न जाओ अब जनाब ,
यूं ही बैठो रहो पास ,
कितना सुकून है जनाब ,
तुमसे मिलकर यूं आज । 
 
***दीपक कुमार भानरे ***

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 22 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय अग्रवाल मेम ,
      मेरी लिखी रचना को मंगलवार 22 अगस्त 2023 को http://halchalwith5links.blogspot.in पर शामिल करने लिये बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
      सादर ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आदरणीय रवि सर ,
      आपकी बहुमूल्य उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद एवं आभार ।

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. आदरणीय सुशील सर ,
      आपकी बहुमूल्य उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद एवं आभार ।

      हटाएं

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