फ़ेसबुक में ब्युटि Face है ,
वाट्सअप में लवली
Chat है ,
डेलि नये बनते Hashtag
है ,
सब लगते कूल और Relax है ,
लगता वर्ल्ड कितना
Great है ,
ये सब मोबाइल का Craze है ।
नॉलेज का बड़ा Stack है ,
बिजनेस में भी हो
गई Ease है ,
शहरों की दूरियाँ
हुई Less है ,
बातें कर लो Face to Face है ,
सारा वर्ल्ड बना एक Village
है ,
ये सब मोबाइल का Craze है ।
आँखों और दिमाग में
Stress है ,
स्टडि और काम में
नहीं Concentrate है ,
अच्छी बुरी बातों
की फुल Access है ,
जेनेरेशन के भटकने
की Threat है ,
कुछ लोग हो रहे Frustrate
है ,
ये सब मोबाइल का Craze है ।
मोबाइल ने बदला कैसा
Climate है ,
सबकी दुनिया हो रही
Private है ,
रिश्ते नातों से हो
रहे Disconnect है ,
वर्चुअल वर्ल्ड से
हो रहे Relate है ,
रियल वर्ल्ड बन रहा Fake
है,
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार ( 22-03 -2021 ) को पत्थर से करना नहीं, कोई भी फरियाद (चर्चा अंक 4013) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
वाह!बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंवाह!बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसादर
मेरे रचना को इस चर्चा अंक में शामिल करने हेतु
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आदरणीय सर जी।
आदरणीय शुभ मेम और सैनी मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद और आभार ।
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर मनोहारी अभिव्यक्ति । समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें,सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय आलोक सर एवं जिज्ञासा मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद जी ।
जवाब देंहटाएंवर्चुअल वर्ल्ड से हो रहे Relate है ,
जवाब देंहटाएंरियल वर्ल्ड बन रहा Fake है,
ये सब मोबाइल का Craze है ।
सीधी मार , कहीं कोई बचाव नहीं ... बहुत बढ़िया ...
सच फायदे हैं मोबाइल के तो नुक्सान भी कम नहीं
जवाब देंहटाएंमिसयूज करने वाले ज्यादा मिलते हैं जिससे उसके साइड इफ़ेक्ट ज्यादा देखने को मिलते है
एक सीमा निर्धारण न तो नुक्सान तो होगा है
बहुत ही अच्छे से आपने गुण दोष बताये हैं
सही कहा सरजी :-) विज्ञान रूपी दो धारी तलवार का उपयोग यदि सम्हालकर नहीं किया गया तो सुविधा के साथ साथ चोट लगने का भी खतरा होता है। यह हमें ही decide करना होगा कि हम मोबाइल को किस तरह उपयोग करें कि वह हमारे जीबन के अभिन्न अंग होने के साथ ही साथ हमारे जीवन मूल्यों की रक्षा में भी हमें सहयोग प्रदान कर सके :-)
जवाब देंहटाएंआदरणीय कविता मेम , संगीता मेम एवं रवि सर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सृजन - -
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