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मंगलवार, 3 अगस्त 2021

कर खुद को कौशलमंद इतना !

 


कर खुद को कौशलमंद इतना ,

तकनीकी ज्ञान का पहनकर चस्मा ,

प्रशिक्षण लें कौशल बढ़ाने के लिए ,

हाथों को मिले नये हुनर की क्षमता ।


कर खुद को कौशलमंद इतना ,

सीख कर मेहनत की आग में तपना,

बन जा शागिर्द हुनर बढ़ाने के लिए ,

कौशल को मिलेगी परिपक्वता ।


बना खुद को असरमंद इतना ,

हर काम को पड़े तुमसे ही वास्ता , 

करें हर काम अनुभव पाने के लिए ,

हाथों में आयेगी  प्रवीणता । 


बना खुद को कौशलमंद इतना ,

बेगारी को भी क़दमों में पड़े झुकना ,

मचेगी होड़  तुम्हे आजमाने के लिए , 

अवसरों की बढ़ जाएगी प्रचुरता ।


बना खुद को कौशलमंद इतना ,

जोड़कर कौशल विकास से  रिश्ता । 


14 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय भारद्वाज मेम सादर नमस्कार ,
    मेरी प्रविष्टि् की चर्चा शनिवार (07-08-2021) को "नदी तुम बहती चलो" (चर्चा अंक- 4149) पर शामिल करने के लिये , बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय ओंकार सर , संदीप सर एवं मन की वीणा सादर नमस्कार ,
    मेरे ब्लॉग में पधारकर उत्साहवर्धक और प्रेरणा दायक सकारात्मक टिप्पणी हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं

  3. आदरणीय सैनी मेम ,
    मेरे ब्लॉग में पधारकर उत्साहवर्धक और प्रेरणा दायक सकारात्मक टिप्पणी हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सार्थक संदेश और प्रेरणा देती सुन्दर रचना।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय जिज्ञासा मेम एवं पाण्डेय सर ,
    मेरे ब्लॉग में पधारकर उत्साहवर्धक और प्रेरणा दायक सकारात्मक टिप्पणी हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय अनुराधा मेम,
    मेरे ब्लॉग में पधारकर उत्साहवर्धक और प्रेरणा दायक सकारात्मक टिप्पणी हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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