ये #आसमानी #फलक ,
उस पर #बादलों की झुरमुट,
झांकती #चांद की झलक ,
जैसे उठता चांद का #घूंघट ।
कुछ #सितारों की चमक ,
जैसे इंतजार में आंखों की #अलख ,
जब चांद की हुई #दस्तक ,
भरा रोशनी से आसमानी फलक ।
हवाओं की सरसराहट ,
धीमी धीमी सी आहट ,
रात चौकन्नी और सजग ,
बादलों से अब न कोई बंधक ।
बादलों की नहीं कोई झुरमुट ,
नहीं कोई अब घूंघट ,
चांद भी है चांदनी की झलक ,
रजत सा है आसमानी फलक ।
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