राजस्थान के जयपुर शहर मैं हुए बम धमाके की घटना बड़ी ही दुखद और दुर्भाग्य पूर्ण है । इसकी जितनी भर्त्सना किया जाए उतनी ही कम है । जब भी हमारे पड़ोसी देश मैं सरकार जनता के भरोसे को कायम रखने और जन आकाँक्षाओं के अनुरूप कार्य करने मैं असफल रहती है तब तब वहां की हुक्मरानों और सरकारों द्वारा कश्मीर के मुद्दे को छेड़कर या फिर इस तरह की घटना को वंहा आश्रय पा रहे और पल रहे दहशत गर्दों द्वारा अंजाम दिलाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की जाती है । बम धमाके की घटना के कुछ दिन पहले ही पड़ोसी देश के रेंजरों द्वारा भारी गोली बारी की घटना अंजाम दी गई थी , वही जम्मू कश्मीर मैं भी सुरक्षा बलों के साथ आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी ।
देश की बात करे तो जन्हा यह देश और प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल मैं कमी झलकती है क्योंकि जिस प्रकार से इनके द्वारा एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी डाली जा रही है वह तो यही इंगित करती है। तो वही यह केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी खींचतान भी प्रदर्शित करती है। वही इसे सीमा पार की चौकसी मैं हो रही ढील का नतीजा भी कहा जा सकता है । राजनीति पार्टिया भी अपने राजनीति हितार्थ इस पर राजनैतिक रोटियां भी सेकने की कोशिश करेंगी ।
फिर भी जो कुछ भी हो अलग अलग लोग अलग अलग मायने निकाल रहे है , किंतु इससे देश मैं डर , अशांति और तनाव का माहोल बनाने की साजिश तो की जा रही है । देश की जनता की सहन शीलता , धैर्य और आपसी सदभाव और भाई चारे का परिणाम ही है की सारा देश इन सब थपेडे से विचलित हुए बिना प्रगति पथ की और अग्रसर है । शायद यह बात भी लोगों की आंखों की किरकिरी बनी हुई है ।
नमस्कार, बिलकुल सही फरमाया है आपने।
जवाब देंहटाएंआतंकवाद का मकसद है समाज को बाँट कर अपना मतलब हल करना, समाज की एकजुटता ही इस का जवाब है।
जवाब देंहटाएंहिन्दुओ पर निशाना साध कर जयपुर में धमाका किया गया और हर धमाकों कि तरह यह धमाका सरकार नही पता लगागेगा कौन किया है धमाका।
जवाब देंहटाएंआखिर वोट कि राजनिती में आम जनता कब तक मरती रहेगी। प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को आखिर हिन्दुस्तान में हुये बम धमाकों पर निंद कैसे आ जाती है। आखिर मुस्लिम तुस्टीकरण में निरीह जनता को कब तक बलि का बकरा सरकार बनालि रहेगी। मुस्लिम तुस्टिकरण का ही नतिजा है कि पोटा जैसा कानुन हटा दिया गया सरकार अफजल को सरकारी दमाद बना कर बिढाये रखा है।
सेकुलर तालिबानियों को ये भी कहने में शर्म नही आयेगी कि बम धमाका हिन्दु मुस्लमान नही देखता है लेकिन क्या ये सच नही है कि हिन्दु बहुल इलाका में RDX बम फटता है और मुसलमानों के मस्जिद में देशी सुतली बम फटता है।