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मंगलवार, 7 अक्टूबर 2008

जवानों का मनोबल गिराकर, राजनेता स्वयम की सुरक्षा को दाव पर लगा रहे हैं !

देश मैं जिस तरह से अपने राजनैतिक हितों के मद्देनजर राजनेताओं और शासन मैं बैठे जनता के नुमाइंदे द्वारा देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा मैं लगे जवानों की शहादत की जिस तरह से मखोल उडाकर उपेक्षा की जा रही है । जिससे की देश के जवानों के मनोबल मैं विपरीत प्रभाव पड़ रहा है । जिस प्रकार से बाटला हाउस की मुठभेड़ को फर्जी बताकर और शहीद हुए जवान एम् सी शर्मा की शहादत का वोट बैंक की राजनीति के चलते मखोल उडाया जा रहा है और संसद के हमले को नाकाम करने मैं अपनी जान का बलिदान देने वाले जवानो की शहादत को , कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद भी अपराधी अफजल को फांसी न देकर को , मजाक बना दिया गया है । इससे ये नेता देश और देश के लोगों की सुरक्षा को खतरे मैं तो डाल रहे हैं साथ साथ ही ख़ुद की सुरक्षा को भी खतरे मैं डाल रहे हैं । ऐसे मैं क्यों कर देश देश का जवान अपनी जान को खतरे मैं डालेगा ? जब उसे पता है की उसके बलिदान और कर्तव्य परायणता को विवादास्पद बनाकर जिस प्रकार से राजनैतिक रोटी सेकने हेतु गन्दा खेल खेला जाता है ।
ऐसे मैं सुरक्षा मैं लगे जवान देश और देश के लोगों की सुरक्षा हेतु अपनी जिम्मेदारी निभाने मैं बेशक कोई कोताही नही बरतेंगे , किंतु अब राजनेताओं की सुरक्षा मैं लगे सुरक्षा जवान अपनी जान जोखिम मैं डालकर अपने कार्य को अंजाम देने हेतु दस बार सोचेंगे । क्योंकि राजनेताओ वोट बैंक हेतु किए जा रहे निंदनीय कृत्यों से उनके मनोबल और सम्मान को ठेस पहुच रही है । उनके द्वारा अपने जान पर खेल कर निभायी गई कर्तव्य परायणता को भी शक और संदेह के घेरे मैं खड़ा किया जाने लगा है ।
यदि ऐसे ही जवानों के कार्यों और बलिदान पर उँगलियाँ उठायी जाती रही और उनकी उपेक्षा की जाकर मनोबल गिराया जाता रहा तो वह दिन दूर नही जब राजनेताओं की सुरक्षा भी खतरे मैं पड़ सकती है ।
अतः अब राजनेताओ को ऐसी राजनीति से बाज आना चाहिए और वोट बैंक के निजी स्वार्थों के चलते जवानों की शहादत पर उँगलियाँ उठाना छोड़ना होगा , जिससे की उनकी देश और देश के लोगों की सुरक्षा तो खतरे मैं नही पड़े साथ ही ख़ुद की सुरक्षा भी दाव पर न लगे ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. दीपक भाई कई बार यही मेरे जेहन मै भी घुमती है, यह सब खेल कब तक.... यह सब ठीक नही हो रहा, अगर इन नेताओ के लगाम नही लगी या इन के गले मै कुते का पटटा नही डाला गया तो यह पुरे देश के लिये अच्छा नही होगा,
    आप के विचार बहुत ही अच्छे लगे, ओर लेख भी जानदार है.
    धन्यवाद

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. सटीक ।
    सच बहुत ही शर्मनाक है इस तरह की राजनीति करना ।

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  4. bilkul theek kah rahe hain, lekin iska asar kitno par hoga, ham log aapas men hi ladne lagte, agda-pichhda, dalit me bant jaate hain, lekin bada aasann khatra nahin dekhte

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  5. अत्यंत प्रभावशाली अभिव्यक्ति है।

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